उन्होंने कहा कि पार्टी के सामने पैदा हुई असाधारण स्थिति को देखते हुए महासचिव का चयन अस्थायी आधार पर किया गया था। यह पार्टी का नियम है। संस्थापक एम जी रामचंद्रन द्वारा अन्नाद्रमुक के गठन के समय बनाए गए पार्टी के संविधान के अनुसार, इस पद को कानूनी मंजूरी तभी मिलेगी, जब सभी प्राथमिक सदस्य महासचिव का चयन करेंगे। इस तरह से चुने गए महासचिव के पास ही पार्टी के किसी अधिकारी को नियुक्त करने या हटाने का अधिकार होता है।