राजस्थान दौरे पर आए मलिक नागौर जाते हुए कुछ देर झुंझुनूं जिले के बगड़ कस्बे में रुकने के दौरान आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि लेकिन मैंने कह दिया कि मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं जो महसूस करता हूं, वह जरूर बोलता हूं। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी छोड़ना पड़े। हालांकि जगदीप धनखड़ इस पद के लिए डिजर्व करते हैं।
नाम बदलने की आलोचना : मलिक ने इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ करने पर भी केन्द्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के राजपथ का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी। राजपथ अपने आप में बहुत अच्छा नाम था। सभी जानते थे, लेकिन बदल दिया गया है। यह किसी मंत्र की तरह लगता है।
छापों पर ये बोले : देश में प्रवर्तन निदेशालय ईडी और सीबीआई की छापेमारी को लेकर उन्होंने कहा- भाजपा में भी बहुत से लोग हैं, जिन पर छापामार कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन पर ईडी और सीबीआई के छापों की जरूरत है। इसीलिए देश में छापों को लेकर अलग माहौल बन गया।
मलिक ने कहा- हालात को देखते हुए किसानों को आंदोलन करना पड़ेगा। मुझे नहीं लगता कि केन्द्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू करेगी। अगर सरकार एमएसपी को लागू नहीं करती है तो लड़ाई लड़नी पड़ेगी। जहां किसान हक के लिए लड़ेंगे, वहीं मैं पहुंच जाऊंगा।