अधिशेष वाले नगर निकाय जारी कर सकते हैं बॉण्ड : सेबी

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017 (18:31 IST)
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले 3 वित्त वर्षों में किसी में भी लेखे में अधिशेष वाले नगर निकायों को सार्वजनिक रूप से बॉण्ड जारी कर पैसा जुटाने की अनुमति देने की व्यवस्था कर दी है।
 
सेबी के निदेशक मंडल ने पिछले महीने इस बारे में संबद्ध नियमनों में संशोधन को मंजूरी दी थी। यह व्यवस्था नगर निकायों के धनात्मक नेटवर्थ के एक विकल्प के रूप में की गई है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ समय पहले महीने म्यूनिसिपल बॉण्डों के बाजार को प्रोत्साहन  देने की वकालत की थी। इन्हें म्यूनी बॉण्ड के नाम से भी जाना जाता है।
 
सेबी ने 15 फरवरी को जारी अधिसूचना में कहा है कि ऋण प्रतिभूतियों का सार्वजनिक निर्गम  लाने वाले नगर निकायों के लिए पिछले 3 वित्त वर्षों में किसी एक में आय एवं व्यय खाते में  अधिशेष तथा नियामक द्वारा समय-समय पर तय किए गए किसी अन्य वित्तीय मानदंड को  पूरा करना जरूरी है।
 
सेबी (निर्गम एवं निकायों की ऋण प्रतिभूति सूचीबद्ध) नियमन 2015 (आईएलडीएम) के  अनुसार ऋण प्रतिभूतियों का सार्वजनिक निर्गम लाने वाले किसी भी भी नगर निकाय या  कॉर्पोरेट निकाय इकाई (सीएमई) का नेटवर्थ पिछले 3 वित्त वर्षों में किसी में भी नकारात्मक  यानी उसकी देनदारियों से नीचे नहीं होना चाहिए। 
 
सेबी ने कहा कि इसके अलावा पिछले 365 दिनों में नगर निकायों ने ऋण प्रतिभूतियों या बैंकों  अथवा वित्तीय संस्थानों से प्राप्त ऋण के भुगतान में चूक नहीं की हो। (भाषा)

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