अगले शैक्षणिक सत्र से धारा 377 और नए आपराधिक कानून CBSE पाठ्यक्रम का होंगे हिस्सा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 12 अगस्त 2025 (19:11 IST)
New criminal law part of CBSE syllabus: भारतीय न्याय संहिता (BNC) को लागू करना, तीन तलाक (triple talaq) एवं राजद्रोह जैसे पुराने कानूनों का निरस्तीकरण तथा धारा 377 (Section 377) को खत्म करना केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 2026-27 शैक्षणिक सत्र से विधि अध्ययन पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीएसई की पाठ्यक्रम समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और जून में शासी निकाय ने इसे अंगीकार करने का फैसला किया था।
 
इस निर्णय के तहत उच्चतर माध्यमिक स्तर के छात्र औपनिवेशिक काल के कानूनों की जगह लेने वाले नए कानूनों के साथ-साथ भारत के कानूनी ढांचे को नया रूप देने वाले ऐतिहासिक निर्णयों एवं सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे। प्रस्ताव के विवरण में बताया गया कि 11-12वीं कक्षा के लिए विधि अध्ययन की पाठ्यपुस्तकें 5 साल पहले उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में बुनियादी कानूनी साक्षरता विकसित करने के लिए शुरू की गई थीं।ALSO READ: यूपी में अब 67.50 लाख बुजुर्गों को मिलेगा पेंशन का लाभ, योगी सरकार ने दी मंजूरी
 
भारत के कानूनी ढांचे में बड़े सुधार हुए : प्रस्ताव के मुताबिक तब से भारत के कानूनी ढांचे में बड़े सुधार हुए हैं जिनमें औपनिवेशिक काल के प्रमुख प्रावधानों को निरस्त करना और 2023-24 में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को लागू करना शामिल है। इन नए कानूनों ने क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
 
विशेषज्ञ समिति का गठन होगा : सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार अगले शैक्षणिक सत्र के लिए अद्यतन पाठ्यपुस्तकें तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा और इसमें विषय-वस्तु विकास एजेंसी को भी शामिल किया जा सकता है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाठ्यपुस्तकें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप आधुनिक और आकर्षक शिक्षण पद्धति के अनुसार तैयार की जाएंगी।ALSO READ: Aadhar को लेकर आया बड़ा अपडेट, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी ने दी जानकारी
 
सीबीएसई ने विधि अध्ययन विषय पहली बार 2013 में 11वीं और 2014 में 12वीं कक्षा में शुरू किया था। यह एक विशिष्ट वैकल्पिक विषय से विकसित होकर कानून, लोक नीति या शासन में करियर बनाने वाले विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। शिक्षा निदेशालय ने अप्रैल 2024 में 29 अतिरिक्त विद्यालयों में इसे लागू करने की मंजूरी दे दी और प्रधानाचार्यों से सीबीएसई द्वारा मांगी गई सभी औपचारिकताएं पूरी करने का आग्रह किया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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