सातवें वेतन आयोग से नाराज कर्मचारी, 11 से राष्ट्रव्यापी हड़ताल

बुधवार, 29 जून 2016 (17:54 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के तत्काल बाद कर्मचारियों के संगठनों ने इन्हें नाकाफी करार देते हुए 11 जुलाई से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है।
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों की नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक एवं ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अब तक की सबसे खराब अनुशंसाएं करार देते हुए कहा कि इनके लागू होने पर कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं होगा।
 
काउंसिल ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि रेलवे से जुड़ी मांगों को लेकर उनके संगठन ने रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड के साथ चर्चा की है और इसमें कुछ मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है।
  
उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़ाकर 26 हजार रुपए करने की मांग की गई थी जिस पर कर्मचारी कुछ पीछे हटने को तैयार हैं। इसे 1 जुलाई 2015 के महंगाई के आंकड़ों के आधार पर तय किए जाने की जरूरत है और इस आधार पर यह 22 से 23 हजार रुपए तक हो सकता है।
 
उन्होंने इस हड़ताल में रेलवे, डाक, आयकर विभाग, रक्षा प्रतिष्ठानों सहित केंद्र के सभी विभागों के कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार के समक्ष नौ प्रमुख मांगें रखी गई हैं जिसमें न्यूनतम वेतन सबसे प्रमुख है। 
 
इसमें जब तक बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, हड़ताल नहीं टलेगी। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में 32 लाख कर्मचारी शामिल होंगे जिनमें 11 लाख 1 जनवरी 2004 के बाद से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन नए कर्मचारियों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर बहुत नाराजगी है।
 
मिश्रा ने कहा कि छठे वेतन आयोग ने वेतन में 52 फीसदी और पांचवें वेतन आयोग ने 40 फीसदी बढोतरी दी थी, लेकिन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में मूल वेतन में मात्र 14.29 प्रतिशत और भत्तों आदि में कुल मिलाकर 23.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है जो अब तक की सबसे खराब सिफारिश है। उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय कर्मी संगठनों की शीघ्र ही बैठक होने जा रही है और उसमें हड़ताल की पूरी रणनीति तय की जाएगी। (वार्ता) 

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