सरस्वती ने कहा कि आरएसएस प्रमुख के बयान से उनकी छवि ठीक होने से परे खराब हुई है और यहां तक माफी भी बेकार होगी। भागवत की टिप्पणी के बारे में जब पूछा गया तो शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है। आपने अनुसंधान किया है...क्या अनुसंधान? आप बताएं। हमने भागवद गीता में पढ़ा है...भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि आप (भागवत) कह रहे हैं कि भगवान ने यह नहीं बनाया है। उन्हें पंड़ितों ने बनाया है। फिर आप कहते हैं कि पंडित का अभिप्राय विद्वान है न कि ब्राह्मण। अगर विद्वानों ने अगर कुछ कहा है तो फिर आप नकार क्यों रहे हैं। जब पूछा गया कि भागवत को क्या माफी मांगनी चाहिए तो शंकराचार्य ने कहा कि उससे कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि पहले ही उनकी बहुत आलोचना हो चुकी है।
गौरतलब है कि गत रविवार को भागवत ने रविदास जयंती पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि ईश्वर के समक्ष सभी बराबर हैं, लेकिन पंडितों ने जाति व्यवस्था बनाई है। (एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala