उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद, पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसी संस्थाओं को नुकसान हुआ, क्योंकि इनके पास मौजूद कई करोड़ रुपए बदले नहीं जा सके। पवार ने दावा किया कि कोल्हापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ भी ऐसा ही हुआ था। Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)