थरूर ने संसद परिसर में कहा, बिना किसी स्पष्टीकरण के एक छोटा बयान दिया गया तथा दूसरों के सवालों या विचारों को सुना भी नहीं गया। यह लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा, हम यह कहते आ रहे हैं कि संसद इसी (चर्चा) के लिए है। इस तरह के मामलों में सरकार को भारत की जनता के प्रति जवाबेदह होना चाहिए। थरूर का कहना था कि सरकार को पूरी स्थिति बतानी चाहिए और कुछ सवालों के जवाब देने चाहिए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया था कि चीन के सैनिकों ने 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया, जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।