दरअसल, विधानससभा की कार्रवाही के ठीक पहले शिवसेना के एक और विधायक संतोष बांगर ने शिंदे गुट में शामिल होने का निर्णय लिया था, उन्होंने भी फ्लोर टेस्ट में शिंदे को वोट दिया। इस तरह लगातार एकनाथ शिंदे की शक्ति में इजाफा होता गया। वहीं कांग्रेस के कुछ नेता कार्रवाही के दौरान देरी से पहुंचे, इसलिए उन्हें वोट नहीं करने दिया। कांग्रेस के अशोक चाव्हाण समेत महा विकास अघाड़ी के 8 विधायक वोटिंग से गैर हाजिर रहे।
दरअसल वे देरी से पहुंचे इसलिए वोटिंग होने से पहले स्पीकर ने सारे दरवाजे बंद करवा दिए गए, जिससे उनकी सदन में एंट्री नहीं हो सकी। बता दें कि आदित्य ठाकरे भी देरी से सदन पहुंचे थे, हालांकि वे कार्रवाई में शामिल हो चुके थे, इसलिए उन्हें वोट देने दिया गया। एक तरफ जहां शिंदे के समर्थन में वोटिंग हो रही थी तो दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी का समर्थन घटता जा रहा था। हालांकि टेस्ट का औपचारिक ऐलान किया जाना शेष था।