पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘राम मंदिर का निर्माण एक राष्ट्रीय कार्य है।’ मुखपत्र में कहा गया है, ‘हम अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं। लेकिन हमारे भगवान राम एक निर्वासित की तरह तंबू जैसे मंदिर में रहने को बाध्य हैं। सत्ता में बैठे लोगों को भगवान राम की इस स्थिति के लिए शर्मिंदा होना चाहिए। भगवान राम के नाम पर सत्ता में आए और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके निर्वासन का दौर खत्म हो गया है।’
उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने वाला है। पार्टी जानना चाहती है, ‘पिछले कई वर्षों से (चुनावों के दौरान) हम लोग ऐसा माहौल देखते आ रहे हैं और एक बार फिर से देख रहे हैं। एक बार फिर अयोध्या में पत्थर लाए गए हैं और कार्यकर्ताओं ने पत्थरों को तराशना शुरू कर दिया है। अब यह प्रश्न उठता है कि उन पत्थरों का क्या हुआ जो पिछले 20-25 सालों में तराशे गए है।’