ओवैसी को मिला शिवसेना का समर्थन

शुक्रवार, 31 जुलाई 2015 (10:57 IST)
मुंबई। एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बाद शिवसेना ने भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और बेअंत सिंह के हत्यारों को फांसी न देने पर सवाल उठाया है।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि  ओवैसी ने जो बात उठाई है वह विचार करने योग्य है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद जीवित हैं क्योंकि उनकी राज्य सरकारें उन्हें मृत्युदंड दिए जाने के खिलाफ हैं।

शिवसेना ने कहा, 'इस बात पर चर्चा हो सकती है और कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा सकती है। लेकिन केवल इसी आधार पर उस व्यक्ति की दया याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती जो मुंबई बम विस्फोटों में सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार है।'

पार्टी ने याकूब मेमन की फांसी को राजनीतिक रंग देने के लिए ओवैसी की आलोचना की। लेख में कहा गया है कि किसी भी जाति या धर्म से ताल्लुक रखने वाले आतंकियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

पार्टी ने सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों का दोषी याकूब लोगों की नजरों में शहीद न बनने पाए।

सामना में लिखा गया है कि दाऊद और टाइगर मेमन जैसे लोग जब यमलोक जाएंगे, तभी उन आत्माओं को पूर्ण शांति की प्राप्ति होगी और उन्हें मोक्ष मिलेगा। पार्टी ने यह भी कहा कि याकूब की जगह पर अगर कोई हिंदू, ईसाई या पादरी होता तो उसे भी फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था।

उल्लेखनीय है कि 1993 मुंबई बम कांड के दोषी याकूब मेमन को गुरुवार सुबह नागपुर जेल में फांसी दी गई थी।
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शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा, 'करीब 50 लोगों ने याकूब मेमन के प्रति दया दिखाने की मांग करते हुए पत्र लिखा था। इन लोगों ने मुंबई हमलों में अपने किसी करीबी को नहीं खोया है और इसी लिए वे दया दिखाने की मांग कर रहे थे। लेकिन राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय ने उनकी बात नहीं सुनी और देश के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं।

लेख में कहा गया कि जिन लोगों ने मेमन के प्रति दया दिखाए जाने की मांग की थी, उनके खिलाफ देश के दुश्मन होने का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

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