तेज स्पीड और सीट बेल्ट नहीं लगाना बना साइरस मिस्त्री की मौत की वजह

सोमवार, 5 सितम्बर 2022 (08:30 IST)
मुंबई, रविवार को हादसे में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस पी. मिस्त्री की मौत हो गई। मामले में पुलिस का कहना है कि तेज  गति और ड्राइवर द्वारा कार पर नियंत्रण खो देने के कारण यह दुर्घटना हुई। बता दें कि रविवार को पालघर में साइरस पी. मिस्त्री की कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी। सड़क दुर्घटना के बाद मिस्त्री और अन्य को कासा के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां साइरस मिस्त्री को अटेंड करने वाले डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष को सिर में चोट लगी थी। उन्हें अस्पताल में मृत लाया गया था’

पालघर पुलिस के मुताबिक साइरस अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे तभी उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई। कार में 4 लोग सवार थे, जिनमें से मिस्त्री सहित 2 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य 2 को अस्पताल ले जाया गया। उनके साथ ही कार में मौजूद सह-यात्री दिनशा पंडोल ने सीट बेल्ट नहीं लगया था।

एएनआई से बात करते हुए, डॉ शुभम सिंह ने कहा, ‘पहले, दो मरीजों को लाया गया, जिनमें साइरस मिस्त्री और जहांगीर दिनशा पंडोल शामिल थे। दोनों को मृत लाया गया था। उन्हें लाने वाले स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि साइरस मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई थी। जहांगीर दिनशा पंडोल जिंदा थे, लेकिन उनकी मौत ट्रांजिट के दौरान हो गई। हमने शाम करीब पांच बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। 10 मिनट के बाद, दूसरी एम्बुलेंस अन्य 2 मरीजों को लेकर आई। दोनों को गंभीर चोटें आई थीं। हमने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और एक हायर सेंटर में ट्रांसफर कर दिया। उनके रिश्तेदारों ने उन्हें रेनबो अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां से दोनों घायलों को एयरलिफ्ट करके मुंबई ले जाया गया’

महिला ड्राइव कर रही थी कार : पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल के अनुसार, ‘मुख्य रूप से ऐसा लगता है कि दुर्घटना चालक के कार पर नियंत्रण खो देने के कारण हुई। अधिक जानकारी जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि दुर्घटना अधिक गति और चालक के सही निर्णय नहीं लेने के कारण हुई। कार में 4 लोग सवार थे, जिनमें से एक महिला थी। कार महिला ही चला रही थी। फिलहाल, वह घायल है और उसका इलाज चल रहा है’ डॉक्टर ने बताया कि मृतकों का पोस्टमॉर्टम सरकारी अस्पताल में होना था। हालांकि, अस्पताल प्रशासन को जिला कलेक्टर का फोन आया, जिसमें कहा गया कि ‘विशेषज्ञ राय’ के लिए दोनों मृतकों को जेजे अस्पताल में स्थानांतरित किया जाना है।

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