राष्ट्रीय संत भय्यू महाराज के सुसाइड का 'कलह' कनेक्शन

मंगलवार, 12 जून 2018 (22:58 IST)
इंदौर। केवल इंदौर शहर ही नहीं बल्कि पूरा देश राष्ट्रीय संत भय्यू महाराज की मौत से सकते में है जिन्होंने मंगलवार के दिन अपने ही घर में कनपटी पर पिस्तौल सटाकर आत्महत्या कर ली। दिल्ली के रामलीला मैदान पर अन्ना हजारे के अनशन को तुड़वाकर देशभर में चर्चित होने वाले भय्यू महाराज ने आखिर सुसाइड क्यों किया? आखिर उनके सुसाइड का कलह कनेक्शन क्या है? आइए जानें... 
 
 
शहर ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया : मंगलवार की दोपहर होने को थी और इंदौर शहर अपनी गति से भाग रहा था लेकिन कोई नहीं जानता था कि 'सिल्वर स्प्रिंग क्लब हाउस' के आलीशान बंगले के भीतर बंद कमरे में एक ऐसा सनसनीखेज कांड होने जा रहा है, जो सबको हिलाकर रख देगा। दोपहर करीब 1 बजे भय्यू महाराज ने उस बंद कमरे में पिस्तौल से खुदकशी कर ली, जहां उनकी मां, दूसरी पत्नी के साथ नौकर भी मौजूद था।
 
आखिर कलह का कारण क्या था : मीडिया में बताया जा रहा है कि भय्यू महाराज की आत्महत्या का कारण संपत्ति विवाद हो सकता है। इतिहास गवाह है कि यहां विवाद की जड़ में तीन चीजें ही रही हैं- जर, जोरू, जमीन। भय्यू महाराज को नजदीक से जानने वालों को पता है कि उनकी दूसरी शादी विवादों में रही है। उन्होंने 2015 में पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद डॉक्टर आयुषी शर्मा से दूसरी शादी 2017 में की थी। संभवत: उनके पारिवारिक कलह के मूल कारण में दूसरी पत्नी ही रही हैं।
 
दूसरी पत्नी का घर में हो गया था दबदबा : डॉक्टर आयुषी मूल रूप से शिवपुरी (मध्यप्रदेश) के खनियाधाना की निवासी थी। लंबे समय से वे भय्यू महाराज के साथ रिलेशन में रह रही थी। चूंकि भय्यू महाराज की पहली पत्नी से जन्मी बेटी भी थी, लिहाजा मां के दबाव में आकर उन्होंने पिछले साल आयुषी से विवाह कर लिया था। विवाह के वक्त भय्यू महाराज बेहद खुश थे, लेकिन जल्दी ही पूरे घर पर आयुषी का दबदबा हो गया। 
पहली पत्नी की बेटी की उपेक्षा : आयुषी अपनी मां तथा छोटे भाई-बहनों को घर ले आई थी। पुणे में पढ़ाई कर रही पहली पत्नी की बेटी उपेक्षित रहने लगी। भय्यू महाराज को भरोसा था कि उनकी पत्नी बेटी को मां का प्यार देगी लेकिन यह हो नहीं सका। दोनों में पुणे की बेटी को लेकर आए दिन विवाद होने लगा। लगता है यही कलह और गम भय्यू महाराज को ले डूबा... 
 
पिता के निधन ने तोड़ दिया था : भय्यू महाराज को अपने पिता विश्वासराव देशमुख से बहुत लगाव था और वे उन्हीं के साथ रहते थे। 2 मई 2014 को इंदौर में ही 85 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद उन्होंने खुद को एक तरह से कमरे में कैद कर लिया था।
 
पहली पत्नी माधवी का पुणे में निधन : 21 नवम्बर 2015 को भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी का पुणे में निधन हो गया था। चूंकि बेटी कुहू पुणे में पढ़ाई कर रही थी, इसीलिए वे उसके साथ रहती थी। निधन के बाद भय्यू  महाराज माधवी का पार्थिव शरीर इंदौर लाए और यहीं दाह संस्कार‍ किया गया।
 
पहले पिता और फिर पत्नी के निधन से टूट गए थे : भय्यू महाराज पहले पिता और फिर पत्नी के निधन के बाद से काफी टूट गए थे। वे किसी से भी नहीं मिलते थे। इस दौरान डॉक्टर आयुषी उनके संपर्क में आई। भय्यू महाराज का अकेलापन दूर करने की गरज से उनकी मां ने आयुषी से विवाह करने का दबाब बनाया ताकि बेटी को मां मिल सके।
30 अप्रैल 2017 को की थी दूसरी शादी : भय्यू महाराज ने आलीशान निवास 'सिल्वर स्प्रिंग क्लब हाउस' में 30 अप्रैल 2017 के दिन धूमधाम से डॉक्टर आयुषी शर्मा से विवाह कर लिया। इसमें जिला प्रशासन से लेकर कई मंत्री और  पत्रकार शामिल हुए। शादी के बाद जब आयुषी अपनी मां और छोटे भाई बहन को साथ ले आई तो आए दिन विवाद होने लगे। यही कारण है कि भय्यू महाराज का तनाव दिनोंदिन बढ़ता चला गया और आखिरकार उन्होंने 12 जून 2018 की दोपहर में उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
 
बेटी से भी नहीं मिल सके : सोमवार 11 जून को भय्यू महाराज अपनी बेटी कुहू से मिलने पुणे जाने के ‍ लिए निकले थे। वे सेंधवा तक पहुंचे ही थे कि बेटी का पुणे से फोन आ गया कि मैं 12 जून को 2 बजे तक इंदौर पहुंच रही हूं। इतना सुनते ही भय्यू महाराज सेंधवा से वापस इंदौर आ गए। बेटी को 2 बजे इंदौर पहुंचना था, लेकिन भय्यू महाराज ने 1 बजे ही गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
हाईप्रोफाइल लोगों से रहा है नाता : भय्यू महाराज तब चर्चा में आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर उन्हें  भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। प्रधानमंत्री बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था।

राऊ की होटल में भय्यू महाराज किस महिला से मिले थे : मौत से ठीक एक दिन पहले यानी 11 जून को भय्यू महाराज राऊ की एक होटल पहुंचे थे। यहां पर उनकी एक महिला से करीब 10 मिनट तक मिटिंग हुई। इस दौरान होटल पूरा खाली था। महिला के आने के पहले उनके दो शिष्य भी उनके साथ थे और भय्यू महाराज के कुर्सी पर बैठने के पूर्व लाल आसन भी बिछाया गया था। यह पूरी मीटिंग होटल के सीसीटीवी में कैद हुई है। पुलिस अब इस मामले में नए सिरे से जांच करेगी।
 
आश्रम आते थे राष्ट्रपति, मंत्री और नेता : पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. विलासराव देखमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, एनसीपी नेता शरद पवार, लता मंगेशकर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी जैसी हस्तियां भय्यू महाराज के इंदौर स्थित आश्रम आ चुकी हैं। (वेबदुनिया न्यूज)

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