श्रीश्री से मुलाकात करने के बाद मौलाना फरंगी महली ने कहा कि हम दोनों की मुलाकात काफी अच्छी रही है। दोनों ही चाहते हैं कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे, लेकिन मामला उच्चतम न्यायालय में है। इसकी सुनवाई पांच दिसंबर से प्रतिदिन होनी है। ऐसे में अब बातचीत का क्या मतलब। उच्चतम न्यायालय ही इसका फैसला करेगा और वही सभी को मान्य होगा।
श्रीश्री रविशंकर ने गुरुवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के साथ ही कई साधु-संतों और मामले से जुड़े पक्षकारों से मुलाकात की थी। उनके मुहिम का विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने विरोध कर उनकी मंशा पर पानी फेर दिया था। विहिप से जुड़े संत और न्यास सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती ने कह दिया था कि श्रीश्री रविशंकर अयोध्या मुद्दे के हल के लिए नहीं बल्कि अपने स्वार्थ में यहां आए थे। (वार्ता)