अल्वी ने खुर्शीद का नाम लिए बगैर बुधवार को कहा कि जब 2 राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और मतदान की तिथि महज 10 दिन दूर हो तो यह पार्टी की जीत के लिए काम करने का वक्त है और इस समय इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी नेतृत्व को लेकर अगर किसी तरह की शिकायत है तो उन्हें यह बात पार्टी के भीतर उठानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से पार्टी को नुकसान होता है और इस स्थिति को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस को 'दुश्मनों' की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देखो पार्टी का हर दूसरा नेता अलग राग अलाप रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। 'घर को आग लग गई, घर के चिराग से' यह स्थिति हो गई है।
गांधी पद छोडने की बजाय पार्टी की हार के कारणों पर विचार करते तो कांग्रेस आज अच्छी स्थिति में होती। उनके अध्यक्ष पद से हटने के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस की जिम्मेदारी लेनी पड़ी और यह अच्छा निर्णय था। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी आज संकट के दौर में है और इस स्थिति से निकलने के लिए जल्द कदम उठाए जाने चाहिए।
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी किसी का नाम लिए बिना बयान दिया है सोनिया और राहुल गांधी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की है लेकिन भारतीय जतना पार्टी के इशारे पर कुछ लोग उलटी-सीधी बातें कर रहे हैं। जब पार्टी सत्ता में होती है तो कोई कुछ नहीं बोलता लेकिन जब पार्टी सत्ता से बाहर होती है तो बोलने वालों की बाढ़ आ जाती है।