Census 2027 news: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस (Congress) 2027 की जनगणना (census) पर झूठा और भ्रामक प्रचार कर रही है, क्योंकि समाज में विभाजन पैदा करके सत्ता हासिल करने की उसकी उम्मीद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रव्यापी कवायद में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले से ध्वस्त हो रही है।
त्रिवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जनगणना के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन और जाति जनगणना भी कराई जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की दृष्टि संकीर्ण और सीमित है, बल्कि कहना चाहिए कि उनकी सोच एक दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से प्रेरित है। इसी कारण वे मोदी सरकार द्वारा जनगणना कराने के फैसले में जो स्पष्ट रूप से बताया गया है, उसे देखने में असमर्थ हैं।
झूठा और भ्रामक प्रचार कर रहे : राज्यसभा सदस्य त्रिवेदी ने कहा कि वे पूरी तरह से झूठा और भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो रही हैं। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जाति के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की है लेकिन पिछड़े समुदायों के लिए कुछ नहीं किया। पार्टी ने 1951 में जाति जनगणना रोकने का फैसला किया और काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग की रिपोर्ट को जारी नहीं होने दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत कांग्रेस और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के नेता जाति के आधार पर समाज में विभाजन पैदा करके केवल अपने परिवारों का उत्थान चाहते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में हमारी गठबंधन सरकार ने 2022 में प्रदेश में जातिगत सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया। त्रिवेदी ने कर्नाटक में नए सिरे से जाति सर्वेक्षण कराने के कांग्रेस सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या 165 करोड़ रुपए खर्च कर कराया गया पिछला सर्वेक्षण गलत था?(भाषा)