सुप्रीम कोर्ट अगर निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार मानता है तो इसके बाद एक अलग बेंच गठित की जाएगी। ये बेंच आधार कार्ड और सोशल मीडिया में दर्ज निजी जानकारियों के डेटा बैंक के बारे में फैसला लेगी। मतलब साफ है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले का व्यापक असर होगा।