प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए 1985 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई अंतर क्यों नहीं आया, जबकि सम-विषम योजना, राष्ट्रीय राजधानी से ट्रकों का रास्ता बदलने जैसे कदम उठाए गए। समाधान क्या हैं?
सम-विषम योजना के दूसरे चरण का आज आखिरी दिन है। उस पर टिप्पणी किए बिना सिंघवी ने कहा, जब तक हम वास्तविक प्रदूषणकारी तत्वों के मुद्दे पर विचार नहीं करेंगे, कुछ सुधार नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, यह कहना कि डीजल कारों से अधिक प्रदूषण होता है और उन्हें प्रतिबंधित कर देना चाहिए, इससे कोई समस्या हल नहीं होगी। सम-विषम योजना का दूसरा चरण 15 अप्रैल को शुरू हुआ था।