रेल दुर्घटना हुई तो जीएम तक नपेंगे : सुरेश प्रभु

गुरुवार, 29 दिसंबर 2016 (23:20 IST)
नई दिल्ली। बीते 24 घंटे के अंतर पर दो रेल हादसों से क्षुब्ध रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के शीर्ष अधिकारियों खासतौर पर जोनल महाप्रबंधकों को जमकर फटकारा और 10 दिन के संरक्षा ड्रिल चलाने के निर्देश के साथ उन्हें सख्त चेतावनी दी कि भविष्य में अगर कोई लापरवाही हुई तो महाप्रबंधकों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
           
आधिकारिक सूत्रों ने यहां कि प्रभु ने सुबह नौ बजे से ही मंत्रालय में अधिकारियों की क्लास लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय, परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोदकर से भी रेल संरक्षा के मुद्दों पर अहम बातचीत की। 
 
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षित परिचालन के संबंध में रेल विकास निगम लिमिटेड, राइट्स आदि के अधिकारियों तथा रेलवे बोर्ड के संबंधित अधिकारियों के साथ लंबी बैठक के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जोनल महाप्रबंधकों की भी क्लास ली।
           
सूत्रों के अनुसार, रेलमंत्री ने विनोद राय से रेलवे बोर्ड में संरक्षा को लेकर संगठनात्मक बदलावों पर सुझाव देने को कहा है। भारतीय रेलवे ने संरक्षा को लेकर जापान और दक्षिण कोरिया के रेल तकनीक संस्थानों -आरटीआरआई और केआरआरआई के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। रेलमंत्री ने इसके संदर्भ में कहा कि इन देशों के विशेषज्ञों को अतिशीघ्र भारत आमंत्रित किया जाए और अपने संरक्षा तंत्र को सुदृढ़ एवं परिष्कृत करने को लेकर उनसे सहयोग लिया जाए।
          
सूत्रों ने यहां बताया कि प्रभु ने महाप्रबंधकों से संवाद में दो टूक शब्दों में कहा कि संरक्षा सर्वोपरि है और उससे कोई समझौता नहीं हो सकता है। उन्होंने महाप्रबंधकों से कहा कि उन्हें अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जरूरत है। 
 
रेलमंत्री ने महाप्रबंधकों को कठोर शब्दों में चेताया कि अगर कोई चूक सामने आई तो उसके लिए सर्वोच्च स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी और इस दशा में वे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अधिकार जवाबदेही के बिना नहीं मिल सकते।
           
सूत्रों ने बताया कि रेलवे अधिकारी कल से 10 दिन तक संरक्षा से जुड़े पांचों बिन्दुओं-पटरी से उतरना, टक्कर होना, लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटना, आग लगना और अन्य कारणों को लेकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे। 
 
सूत्रों ने बताया कि देश में रात में चलने वाली सभी मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में एक अधिकारी इंजन में बैठकर चलेगा और इन संरक्षा संबंधी मुद्दों का अवलोकन करके रिपोर्ट देगा। रेल मंत्री ने महाप्रबंधकों से भी बाद में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। 
 
उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक बताएं कि संरक्षा संबंधी कौन सी कमियां पाईं गईं और उन्हें किस प्रकार से दुरुस्त किया जाएगा। अगर कोई उपकरण की आवश्यकता है तो उन्हें बताया जाए। पैसे की कोई कमी नहीं होगी, पर उन्हें परिणाम दिखाना होगा। प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से संरक्षा संबंधी उपकरणों एवं मशीनों की खरीद की प्रक्रिया तेज करने के भी निर्देश दिए हैं। (वार्ता) 

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