नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर पिछले 4 वर्षों में महिला महिला सशक्तीकरण पर 'नेक इरादा' नहीं होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री महिला अधिकारों को लेकर गंभीर हैं तो महिला आरक्षण विधेयक लाएं जिसका कांग्रेस पार्टी संसद के दोनों सदनों में समर्थन करेगी।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह भी कहा कि संप्रग सरकार में कई दल आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग कर रहे थे और ऐसे में कांग्रेस विधेयक को पारित कराने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन मोदी सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है और वह इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है।
गौरतलब है कि संप्रग सरकार के समय लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया।
सुष्मिता ने आरोप लगाया कि 2014 में मोदीजी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और महिलाओं को लगा कि इनके आने से स्थिति सुधरेगी। लेकिन पिछले 4 वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं। उन्होंने दावा किया कि नरेन्द्र मोदीजी के भय से निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी जैसी भाजपा की महिला नेता महिला उत्पीड़न के मामले पर चुप हैं, जबकि निर्भया मामले के समय ये लोग काफी मुखर थे।
सुष्मिता ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार में धन के उचित आवंटन के अभाव के चलते 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसी योजना मजाक बन गई है और यह सरकार अपने प्रचार पर 4,600 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। (भाषा)