पहली बार मड पैक थेरेपी पिछले साल अप्रेल में की गई थी। ताज का रंग पीला होने की शिकायत के चलते यह थेरेपी की गई थी। 2015 के सितंबर में फिर से यह पैक लगाया गया क्योंकि कीड़ों ने ताज पर हरे रंग का पदार्थ छोड़ दिया था। वहीं आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के अनुसार मड थेरेपी ताज के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और इसके कोई नुकसान नहीं होंगे। यह तकनीक अंतराष्ट्रीय स्तर पर खास इमारतों को प्रदुषण से बचाने में उपयोग की जाती है।