वायुसेना की शान बनेगा 'तेजस', जानिए क्या है इसमें खास...

शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (10:25 IST)
नई दिल्‍ली। स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को आज पूजा-पाठ के साथ भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। वायुसेना दो तेजस विमानों का स्क्वॉड्रन बनाएगी। इस विमान को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। पहले दो साल यह स्क्वॉड्रन बेंगलुरु में रहेगा। इसके बाद यह तमिलनाडु के सुलूर में चला जाएगा। जानिए क्या है इसकी खास बातें... 
* 'फ्लाइंग डैगर्स' के रूप में वायुसेना में शामिल होगा तेजस। 
* यह वायुसेना को मिग 21 का विकल्‍प उपलब्‍ध कराएगा।
* वायुसेना सूत्रों के अनुसार, मार्च 2017 तक छह और तेजस मिलने की संभावना है।
* 'तेजस' नाम के इस लाइट कॉम्‍बैट एयरक्राफ्ट का विकास शुरू होने के करीब तीन दशक बाद अब यह माना जाने लगा है कि बेंगलुरु में यह कई मायनों में विश्‍वस्‍तरीय है।
* एयर चीफ मार्शल अरुप राहा भी 17 मई को इसमें उड़ान भर चुके है। 
अगले पन्ने पर... तेजस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी... 

* विमान का ढांचा भी भारत में बने कार्बन फाइबर से तैयार किया गया है। यह धातु की तुलना में कहीं ज्‍यादा हल्‍का और मजबूत होता है। 
* इसमें लगा एक महत्‍वपूर्ण सेंसर तरंग रडार भी भारत में ही बना है। यह दुश्‍मन के विमान या जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल के तेजस के पास आने की सूचना देता है।
* सुखोई 30 की फ्लीट में 60 फीसदी से भी कम विमान एक वक्‍त पर मिशन के लिए उपलब्‍ध होते हैं, जो कि भारतीय वायुसेना के लिए चिंता का विषय है। एचएएल का कहना है कि तेजस 70 फीसदी से ज्‍यादा समय के लिए उपलब्‍ध होगा।

चित्र सौजन्य : सोशल मीडिया 

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