एसबीआई की रिपोर्ट कहती है, हम 2000 रुपए के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद करते हैं। यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि आरबीआई के अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2000 रुपए के नोट के रूप में कुल 3.08 लाख करोड़ रुपए प्रणाली में जमा के रूप में लौटेंगे। इनमें से करीब 92000 करोड़ रुपए बचत खातों में जमा किए जाएंगे, जिसका 60 प्रतिशत यानी करीब 55000 करोड़ रुपए निकासी के बाद लोगों के पास खर्च के लिए पहुंच जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, खपत में गुणक बढ़ोतरी की वजह से लंबे समय में यह कुल बढ़ोतरी 1.83 लाख करोड़ रुपए तक रह सकती है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि नोट वापस लेने के आरबीआई के कदम से मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थानों को मिलने वाले दान में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अलावा टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं और बुटीक फर्नीचर की खरीद को भी बढ़ावा मिलेगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)