नेताजी को इसी पनडुब्बी ने बचाया था : यह प्रश्न अभी तक अनुत्तरित है कि I-29 ने आखिर एसएस तिलावा पर हमला क्यों किया? चूंकि यह व्यापारिक जहाज था, इसलिए क्या जापानी यह जानते थे कि इस जहाज पर कीमती सामान है? ऐसे ही कई और भी प्रश्न हैं, जिनका जवाब मिलना शेष है। लेकिन, I-29 से जुड़ा एक और वाकया है, जिसका सीधा संबंध भारत से ही है। दरअसल, तिलवा त्रासदी के 5 महीने बाद यानी 28 अप्रैल 1943 को सुभाष चंद्र बोस को इसी पनडुब्बी से बचाया गया था। उस समय ऐसी अफवाहें थीं कि सुभाष बाबू हिटलर के मित्र हैं। नेताजी जर्मन सबमरीन में एक बैठक में गए थे, जहां से उन्हें I-29 के जरिए ही जापान लाया गया था। (फोटो : tilawa1942.com से साभार)