नई दिल्ली। 72 थर्मल संयंत्रों के पास मात्र 3 दिन का कोयला बचा है। ऐसे में अगर इन संयंत्रों को जल्द ही कोयला उपलब्ध नहीं कराया गया चीन की तरह भारत में भी बिजली संकट गहरा सकता है। विशेषज्ञों ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय व अन्य एजेंसियों की तरफ से जारी कोयला उपलब्धता के आंकड़ों का आकलन कर विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है।
सरकार के अनुसार, कोरोना से पहले अगस्त-सितंबर 2019 में देश में रोजाना 10,660 करोड़ यूनिट बिजली की खपत थी, जो अगस्त-सितंबर 2021 में बढ़कर 12,420 करोड़ यूनिट हो गई।
जब देश में बिजली की मांग चरम पर थी, उस समय उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे 4 बड़े राज्यों ने अपने अंतर्गत आने वाली बिजली इकाइयों के कोयला इस्तेमाल के लिए कोल इंडिया को किए जाने वाले भुगतान में चूक भी कर दी। इससे कोल इंडिया ने इनकी कोयला आपूर्ति कम कर दी। इससे बिजली संकट और गहरा गया।