पवन कल्याण ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में, कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का, संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर, अत्यंत मर्माहत हूं, और सच कहूं तो, अंदर से अत्यंत छला गया, महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि प्रभु वेंकटेश्वर से, मेरी प्रार्थना है कि, इस दुःख के क्षण में हमें, और समस्त सनातनियों को, अपनी अहैतुकी कृपा से, सबलता प्रदान करें। मैं अभी इसी क्षण, भगवन से क्षमा प्रार्थी हो, प्रायश्चित दीक्षा हेतु, प्रण सिद्ध कर रहा हूं, और ग्यारह दिवसीय उपवास हेतु, धर्म संकल्पित हो रहा हूं।
पवन कल्याण ने कहा कि ग्यारह दिवसीय, प्रायश्चित दीक्षा, के उत्तरार्ध में, एक और दो अक्टूबर को, मैं तिरुपति जाकर, प्रभु के साक्षात दर्शन कर, क्षमा प्रार्थी हो, विनती करूंगा और तब, भगवन के समक्ष, मेरे प्रायश्चित दीक्षा की, पूर्णाहूति होगी।