सरकार ने दक्षिणी दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के लिए बहुमंजिला आवास और वाणिज्यिक परिसर की अनुमति दी थी। इन परियोजनाओं के दायरे में आने वाले करीब 16 हजार 500 हजार पेड़ों की कटाई की जानी थी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ शल्य चिकित्सक कौशलकांत मिश्रा ने याचिका दायर की है। इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए चार जुलाई तक पेड़ काटने पर रोक लगा दी।
पीठ ने सुनवाई के दौरान एनबीसीसी से पूछा कि क्या आप जानते हैं कि पेड़ काटने का क्या असर पड़ेगा, यदि सड़कों को चौड़ा करने के लिए पेड़ काटना जरूरी है तो यह बात समझ में आती है, क्या दिल्ली आज यह सह सकती है।
दक्षिण दिल्ली की सरोजनी नगर, नारौजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर के विकास के लिए इन पेड़ों की कटाई की जानी है। (वार्ता)