उल्लेखनीय है कि तरुणसागरजी ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि महिलाओं का पति का अनुशासन मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस घर में दो आदेश चलेंगे, वह घर के लिए अनुकल नहीं है। विधानसभा में प्रवचन देने के मुद्दे पर जैन मुनि ने कहा कि विधानसभाओं और लोकसभा में अच्छी बातें कहने की जरूरत है क्योंकि सबसे खतरनाक लोग तो वहीं पर होते हैं।
इसी बीच, पत्रकार प्रेम शुक्ला ने तहसीन पूनावाला से पूछा कि जिस तरह से उन्होंने जैन मुनि पर टिप्पणी की है, क्या वे किसी मुल्ला अथवा मौलवी के खिलाफ टिप्पणी करने का साहस दिखा सकते हैं। जवाब में पूनावाला ने कहा कि मैं किसी भी धर्म को नहीं मानता। मैं नास्तिक हूं। बहस में मौजूद स्वामी चक्रपाणी ने कहा कि पूनावाला ने जान-बूझकर तरुणसागरजी का अपमान किया है। इन्हें माफी मांगनी चाहिए अन्यथा इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।