तृप्ति देसाई का मुंबई एयरपोर्ट पर विरोध, कहा- 'अगली बार गोरिल्ला रणनीति अपनाकर सबरीमाला जाऊंगी'
शनिवार, 17 नवंबर 2018 (08:32 IST)
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने शुक्रवार को पहुंची भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई को कोच्चि एयरपोर्ट पर प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था। उन्हें वहां से बाहर नहीं निकलने दिया गया। इसके बाद पूरे दिन कोच्चि एयरपोर्ट पर रहने के बाद तृप्ति देसाई मुंबई लौट गईं। मुंबई में भी अयप्पा के भक्तों ने उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
एयरपोर्ट तृप्ति ने कहा 'हम नहीं चाहते थे कि वहां हिंसा हो इसलिए हम लौट आए। इस बार हम सबरीमाला मंदिर के दर्शन के लिए बताकर गए थे। लेकिन अगली बार हम बिना बताए ही वहां जाएंगे। इसके लिए हम गुरिल्ला रणनीति अपनाएंगे। पुलिस ने हमें भरोसा दिलाया है कि अगली बार वो हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी।'
शुक्रवार देर रात मुंबई एयरपोर्ट पहुंचीं तृप्ति देसाई को वहां भी प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा। तृप्ति और अन्य महिलाओं को सीआईएसएफ जवानों और पुलिस की सहायता से एयरपोर्ट के बाहर निकाला गया। मुंबई पहुंचीं तृप्ति ने कहा 'प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतारू थे, उन्हें यह नहीं करना चाहिए था। वे अपने आपको भगवान अयप्पा के अनुयायी कहते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे उनके अनुयायी हैं। वे हमें मौखिक रूप से प्रताडि़त कर रहे थे। साथ ही हमें डरा-धमका रहे थे।'
तृप्ति देसाई ने कहा 'हमें वहां एयरपोर्ट पर रोका गया था। अगर उन्हें हमारा विरोध करना था तो उन्हें निलक्कल में हमारे खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए था। लेकिन वे जानते थे कि अगर हम निलक्कल पहुंचे तो हम दर्शन करके ही लौटेंगे। इसीलिए उन्होंने हमें एयरपोर्ट पर रोका।'
बता दें कि महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवादों में चल रहे केरल के सबरीमाला मंदिर के द्वार शुक्रवार शाम को खुले थे। वहीं सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार को भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई भी कोच्चि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंची थीं। लेकिन एयरपोर्ट के बाहर उनका भारी विरोध हुआ था। बड़ी संख्या में बाहर जुटे प्रदर्शनकारी उन्हें एयरपोर्ट से बाहर न निकलने देने के लिए अड़े थे।
तृप्ति देसाई ने एयरपोर्ट से बाहर न निकल पाने पर अंदर ही साथियों संग बैठकर सुबह का नाश्ता किया। उनका कहना है 'पुलिस ने हमें एयरपोर्ट के दूसरे गेट से निकालने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारी जस के तस बने हुए हैं। यहां प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका मतलब है कि प्रदर्शनकारी डरे हुए हैं कि अगर हम निलक्कल तक पहुंच गए तो सबरीमाला तक चले जाएंगे या वह हमें डरा रहे हैं। हम मंदिर में दर्शन किए बिना वापस नहीं जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद मंदिर तीसरी बार शुक्रवार शाम को खुले। शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद कोई भी महिला श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते मंदिर में अब तक नहीं जा पाई हैं। उधर एयरपोर्ट के बाहर मौजूद बीजेपी नेता एमएन गोपी ने भी देसाई का विरोध किया था।
उन्होंने कहा 'हम तृप्ति देसाई को पुलिस या अन्य सरकारी वाहन में एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे। एयरपोर्ट में मौजूद टैक्सी भी उन्हें नहीं ले जाएंगी। अगर वह जाना चाहें तो निजी वाहन से जा सकती हैं।'