उद्धव ने कहा, 'वे (भाजपा) कहा करते थे कि खेल, संस्कृति आदि को राजनीतिक मुद्दों में नहीं लाया जाए। आज आतंकवादी हमले के रूप में धर्म और राजनीति साथ आ गई है। क्या हमें समझना चाहिए कि अगर उनके थैले में हथियारों की जगह गाय का मांस होता तो उन आतंकवादियों में से कोई भी जीवित नहीं होता।'
उन्होंने कहा कि गोरक्षकों का मुद्दा आज उठ रहा है। क्यों आप इन गोरक्षकों को आतंकवादियों से लड़ने के लिए नहीं भेजते हो। अगर भाजपा सरकार कश्मीर घाटी में उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए अलगाववादियों से बातचीत कर सकती है तो वे निश्चित तौर पर धूमधाम से गणेशोत्सव मनाने के उत्सुक लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं।