मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे द्वारा जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किए जाने के एक दिन बाद ठाकरे मुंबई में बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को मुंबई में आयोजित पार्टी की दशहरा रैली में अपने भाषण के दौरान मंच पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने झुककर मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने की प्रतिज्ञा ली थी।
ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रतिज्ञा करना और मुद्दे को लटकाकर रखना, यह समाधान का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, सरकार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं को बताना चाहिए कि आखिर रास्ता क्या है? अगर कोई रास्ता है तो सरकार इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं करती?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं प्रधानमंत्री का स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें जरांगे से मिलना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के मुद्दे को सुलझाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के शिरडी श्री साईबाबा समाधि मंदिर में पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने अहमदनगर जिले में स्थित निलवंडे बांध का जल पूजन किया और बांध के बाएं किनारे के नहर नेटवर्क का उद्घाटन किया।
मराठा आरक्षण आंदोलन का चेहरा बन चुके जरांगे ने समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के समक्ष 40 दिन की समयसीमा निर्धारित की थी, जो 24 अक्टूबर को समाप्त हो गई। ऐसे में उन्होंने बुधवार से जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में अनशन शुरू कर दिया है।