नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने लोगों से अपनी 12 अंकों वाली आधार संख्या इंटरनेट या सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने या अन्य को किसी प्रकार की चुनौती देने से मना किया है। दूरसंचार नियामक ट्राई प्रमुख के आधार को सार्वजनिक करने और नुकसान पहुंचाने की चुनौती के बाद यूआईडीएआई ने यह बात कही है।
प्राधिकरण ने यह भी कहा कि किसी अन्य की आधार संख्या पर आधार सत्यापन या किसी भी उद्देश्य से अन्य के आधार का उपयोग धोखाधड़ी माना जाएगा और आधार कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत आपराधिक कार्रवाई माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है या दूसरे को ऐसा करने के लिये उकसाता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए लोगों को ऐसी चीजों से दूर रहनी चाहिए।
यूआईडीएआई ने कहा कि 12 अंकों वाली आधार संख्या व्यक्तिगत रूप से संवेदनशील सूचना है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि बैंक खाता संख्या, पासपोर्ट संख्या, पैन। इसे वैध जरूरतों के लिए ही साझा किया जाना चाहिए। (भाषा)