सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान दिव्यांगजनों के उत्थान से जुड़े एक सवाल के मौखिक जवाब में यह जानकारी दी। आधार कार्ड के लिए ‘फिंगर प्रिंट’ देने में अक्षम दिव्यांगजनों की पेंशन बंद करने के फैसले से जुड़े कांग्रेस की विप्लव ठाकुर के पूरक प्रश्न के जवाब में कृष्ण पाल ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने यूनिवर्सल आईकार्ड योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत 12 राज्यों में काम शुरू कर दिया गया है, दो राज्यों में जल्द ही काम शुरू होगा और 31 दिसंबर 2018 तक अन्य राज्यों में भी यह योजना शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके तहत आधार कार्ड के लिए फिंगर प्रिंट दे पाने में अक्षम लोगों को मिलने वाले यूनिवर्सल आईकार्ड प्रत्येक राज्य में मान्य होंगे और ये लोग दिव्यांगजनों के कल्याण की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। आधार नहीं होने के कारण दिव्यांगों को पेंशन नहीं मिल पाने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यों में पेंशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है।
इस दौरान उन्होंने सरकारी और गैर सरकारी इमारतों और सार्वजनिक स्थलों को दिव्यांग हितैषी बनाने की योजना पर तेजी से काम चलने की कृष्ण पाल ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 700 रेलवे स्टेशनों को दिव्यांग हितैषी बनाया जा रहा है। साथ ही इन लोगों को रोजगार के अवसरों में प्राथमिकता देते हुए नौकरियों में तीन प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर चार प्रतिशत किया है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों में साल 2014 से रिक्त पड़े 15694 पदों में से पिछले तीन साल में 14 हजार पद भरे जा चुके हैं और शेष एक हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस बीच बसपा के सतीशचंद्र मिश्रा द्वारा दिल्ली में दृष्टिबाधित बच्चों के छात्रावास में पिछले दिनों हुई अतिक्रमणरोधी कार्रवाई का मुद्दा उठाने पर आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट किया कि उक्त कार्रवाई छात्रों का पुनर्वास करने के बाद की गई थी। (भाषा)