सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर दिवंगत पूर्व सदस्य नरेन्द्र प्रधान को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके तुरंत बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी धरती से शर्मनाक तरीके से भारत के लोकतंत्र के बारे में अनाप-शनाप बातें की हैं।
उन्होंने कहा, विपक्ष के नेता ने भारत, भारत की सेना, भारत के लोकतंत्र, मीडिया, उच्चतम न्यायालय, निर्वाचन आयोग का अपमान किया है। उन्होंने लोकतंत्र को चोट पहुंचाई है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। सदन के नेता की इस टिप्पणी का कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने प्रतिकार करते हुए हंगामा किया।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बात पर आपत्ति जताई कि जो नेता राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं, उनके बारे में नेता सदन ने यहां टीका-टिप्पणी की। गोयल की टिप्पणियों की निंदा करते हुए खरगे ने कहा कि यहां जो चल रहा है, उस विषय के बारे में सारी दुनिया जानती है।
उन्होंने कहा, अगर हमने कहा कि लोकतंत्र सही तरीके से नहीं चल रहा है, संविधान के अनुसार लोकतंत्र नहीं चल रहा है, लोकतांत्रिक उसूलों के तहत नहीं चल रहा है। इसी दौरान खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने चीन दौरे के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों का उल्लेख किया। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। हंगामे के बीच ही धनखड़ ने 11 बजकर 22 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)