उत्तरप्रदेश के ओरैया जिले में बुधवार सुबह कैफियत एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के बाद कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया या उनका मार्ग परिवर्तित करके चलाया गया। कैफियत के रेलवे कार्यों के लिए सामान ले जा रहे डंपर से टक्कर हो जाने के बाद ट्रेन की 10 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। इस हादसे में कम से 100 लोग घायल हो गए थे।
जम्मू में वैष्णोदेवी के दर्शन कर वापस लौट रहे कुमार ने कहा कि ट्रेन से यात्रा करने के दौरान हमारी किस्मत भगवान भरोसे होती है, हालांकि कुछ यात्रियों का कहना था कि रेल दुर्घटनाओं से भयभीत होना बेकार है। मथुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे मध्यम आयु के 1 व्यक्ति ने कहा कि पटरी से उतरने की वजह से हम ट्रेनों में यात्रा करना नहीं छोड़ सकते। क्या हमने विमान दुर्घटनाओं के बारे में नहीं सुना है? यात्रियों को भरोसा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
इसके बाद इसी जिले में 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के 15 डिब्बों के पटरी से उतर जाने की घटना में 62 यात्री घायल हो गए थे। ट्रेन के पटरी से उतर जाने की इन घटनाओं के बाद रेलवे को सुरक्षा इंतजामों की बेहतरी के लिए जरूरी फंड मिल गया था। इस काम के लिए इस साल के बजट में 1 लाख करोड़ के खर्च का प्रस्ताव दिया गया था। (भाषा)