खुला उत्तरप्रदेश में भाजपा की जीत का राज

शनिवार, 18 मार्च 2017 (17:18 IST)
नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला शाखा मुस्लिम वेलफेयर मंच ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘तीन तलाक से परेशान’ मुस्लिम महिलाओं को सहारा दिया और इसी का नतीजा रहा कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमान समाज खासकर महिलाओं का भरपूर समर्थन मिला।
मुस्लिम वेलफेयर मंच की प्रमुख शहनाज अफजाल ने यहां मुस्लिम महिलाओं के सम्मेलन में कहा कि मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से परेशान हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज की महिलाओं का बहुत बुरा हाल है। जुल्म से परेशान इन महिलाओं को मोदी जी ने सहारा दिया है।  मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओं के आंसू पोंछे हैं। आज मुस्लिम महिलाएं महसूस कर रही हैं कि उनके साथ कोई खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जो पहल की है, उसी का नतीजा रहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुसलमान समाज खासकर महिलाओं ने भाजपा को भरपूर समर्थन दिया और इस वजह से भाजपा को इतना बड़ा जनादेश मिला है।
 
शहनाज ने कहा कि मुस्लिम समाज को भाजपा और आरएसएस से डराया जाता रहा है। मैं पूछना चाहती हूं कि किस बात का डर? मुसलमानों को यहां किसी तरह का डर नहीं है। उनको सिर्फ गुमराह किया जाता रहा है। लोगों को यह बात समझ आने लगी है। इस कार्यक्रम में साइमा निजामी, रेशमा यासमीन, रेशमा हसन और यासिर जिलानी ने भी अपने विचार रखे।

केंद्रीय मंत्री ने भी माना :  केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में हाल के विधानसभा चुनाव में तीन तलाक की रीति से प्रभावित मुस्लिम महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया। गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तीन तलाक की प्रथा से प्रभावित महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाजपा के लिये वोट दिया। राज्य में इस प्रथा से प्रभावित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। 
 
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि (बसपा सुप्रीमो) मायावती, (पूर्व मुख्यमंत्री) अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल या :कांग्रेस नेता: प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर खामोश हैं।  प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक के खिलाफ कड़ी दलील दी थी कि क्योंकि यह प्रथा ‘‘धर्म का मुद्दा नहीं बल्कि लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और लैंगिक गरिमा से जुड़ी है। 
 
उन्होंने कहा कि यह मामला (तीन तलाक का) उच्चतम न्यायालय में लंबित है। यह धर्म का मुद्दा नहीं है बल्कि लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और लैंगिक गरिमा से जुड़ा है। प्रसाद ने कहा कि हम पूजा करते हैं लेकिन कोई भी गलत रीति जैसे छुआछूत हमारी प्रार्थना का हिस्सा नहीं बन सकती क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है। महिलाओं से किसी तरह का भेदभाव नहीं करना भी संविधान का हिस्सा है। मंत्री ने कहा कि 20 इस्लामी बहुल देशों ने या तो तीन तलाक की प्रथा को बेहद सीमित कर दिया है या फिर पूरी तरह खत्म कर दिया। (भाषा)  

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