इनमें पुलवामा में हुए हमले, पाक कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 के अतिरिक्त लोगों का कुंभ मेले की ओर आकर्षण भी कारणों में गिना जा रहा है। सवाल अब यह है कि श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही कमी को पूरा कैसे किया जाए।
अधिकारियों को उम्मीद है कि आज से देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों-कॉलेजों में होने वाली छुट्टियों में भीड़ बढ़ेगी, भीषण गर्मी के चलते पिछले कुछ दिनों से कटड़ा का सूनापन इस उम्मीद को बार बार धराशायी जरूर करता था।
2018 के पहले 5 महीनों में आने वालों ने 33.60 लाख का आंकड़ा पार किया था, लेकिन इस बार यह 27.30 लाख पर आकर टिक गया है। पिछले साल मई महीने में 8.04 लाख के करीब श्रद्धालु आए थे और इस बार यह संख्या मई में बढ़कर 9.5 लाख हो चुकी है।
जून में क्या यह संख्या कोई रिकॉर्ड तोड़ पाएगी कुछ कहना असंभव है क्योंकि अभी भी कश्मीर में आतंकवाद सिर उठाए खड़ा है और अब आतंकियों के कदम जम्मू संभाग की ओर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं जबकि सीमाओं पर बना हुआ तनाव वही है जिसमें सैनिकों व सैनिक साजो-सामान की तैनाती कश्मीर जाने वालों के कदमों को भी रोक रही है।