Maa Vaishno Devi Yatra News : 22 दिनों के इंतजार के बाद आखिर मां वैष्णो देवी ने अपने भक्तों को अपने पास बुला ही लिया। वैष्णो देवी की यात्रा आज सुबह से फिर से शुरू हो गई है। यह इस शर्त के साथ शुरू हुई है कि अगर मौसम जरा सा भी खराब हुआ तो यात्रा तत्काल स्थगित कर दी जाएगी। हालांकि यात्रा ऐसे में समय में आरंभ हुई है कि जम्मू कश्मीर का रेल संपर्क शेष देश से अभी भी कटा हुआ है जो एक अक्टूबर से पूरी तरह से बहाल होने की उम्मीद है। यह तीर्थयात्रा विनाशकारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक स्थगित रही थी। इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 घायल हो गए थे।
कटड़ा शहर तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है। 14 सितंबर को महिलाओं सहित कुछ श्रद्धालु कटड़ा के बाणगंगा दर्शनी द्वार पर एकत्र हुए। यहां से यात्रा की शुरुआत होती है। उन्होंने जय माता दी के नारे लगाए और पहाड़ी पर स्थित मंदिर में दर्शन करने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश भी की थी। कई घंटे तक लोगों के बार-बार प्रयास करने के बावजूद बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया था और आज सैकड़ों तीर्थयात्री तड़के ही यात्रा के आरंभ स्थल बाणगंगा दर्शनी द्वार पर एकत्रित हुए और तीर्थयात्रा शुरू होने पर अपार खुशी और राहत व्यक्त की।
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का अनुसरण करने और जमीनी कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जाती है। पारदर्शिता और पता लगाने की क्षमता के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र आधारित ट्रैकिंग अनिवार्य है।
एक अधिकारी ने बताया कि यात्रा का दोबारा शुरू होना हमारी सामूहिक आस्था और हौसले का प्रतीक है। हम इस पवित्र तीर्थ की गरिमा, सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महाराष्ट्र से आई भक्तों की टोली में शामिल एक महिला ने खुशी जताते हुए कहा कि हम बहुत खुश हैं कि यात्रा फिर शुरू हो गई। हम 2 दिन पहले पुणे से कटड़ा पहुंचे थे।
रास्ते को अब सुरक्षित घोषित कर दिया गया है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में, खासकर 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान, भक्तों की भीड़ और बढ़ेगी। यात्रा को 26 अगस्त को उस वक्त रोका गया था, जब मंदिर के रास्ते पर भूस्खलन हुआ था, जिसने भारी तबाही मचाई थी। अब वैष्णो देवी यात्रा के फिर से शुरू होने से भक्तों में उत्साह है और माता के दर्शन की आस लिए वे त्रिकुटा पर्वत की ओर बढ़ रहे हैं।
Edited By : Chetan Gour