बैठक में सभी सांसदों की राय थी कि विजय माल्या को संसद से निष्कासित किया जाए और उनकी सदस्यता रद्द की जाए। कमेटी के अध्यक्ष करण सिंह ने माल्या को नोटिस भेजकर सात दिनों के अंदर जबाव मांगा था। एथिक्स कमेटी इस मामले में मंगलवार को बैठक करने वाली थी, लेकिन समय सीमा खत्म होने से ठीक पहले माल्या ने इस्तीफा भेज दिया।