जनरल सिंह ने यहां संसद भवन परिसर में कहा कि उनके इराक जाने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है और आठ से दस दिन में पार्थिव अवशेष को वह स्वयं जाकर ले आएंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि इन भारतीयों के पार्थिव अवशेष बदूश में ध्वस्त कारागार के समीप एक सामूहिक कब्र से मिले हैं जिसे डीप पेनेन्ट्रेशन राडार की मदद से खोजा गया और मार्टियर्स फाउंडेशन एवं इराक सरकार की मदद से उन अवशेषों को बगदाद लाकर उनका डीएनए परीक्षण किया गया।
विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि वह इन भारतीयों की खोज के लिए तीन बार इराक गए थे और जो भी सूचनाएं उन्हें मिली थीं, वे अपुष्ट थीं। सरकार इस विषय को लेकर बहुत संजीदा और संवेदनशील थी और सरकार ने बिना कोई ठोस सबूत मिले, इस बारे में कोई घोषणा नहीं करने का फैसला किया था। अब सरकार के पास ठोस सबूत है और उसके बाद ही देश के साथ यह जानकारी साझा की गई है। (वार्ता)