जम्मू कश्मीर : पाक शरणार्थियों ने पहली बार डाले जिला परिषद चुनाव में वोट

सुरेश एस डुग्गर

शनिवार, 28 नवंबर 2020 (16:39 IST)
जम्मू। जम्मू कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए डेढ़ लाख के करीब रिफ्यूजियों ने पहली बार जिला परिषद के चुनावों में जब वोट डाला तो उनकी खुशी का कोई अंत ही नजर नहीं आया। अभी तक उन्हें सिर्फ लोकसभा चुनावों में ही मतदान करने की अनुमति थी।
 
अनुच्छेद 370 व 35-ए समाप्त होने के बाद इन रिफ्यूजियों को पहली बार जम्मू कश्मीर में वोट डालने का अधिकार मिला था। शनिवार को जम्मू की अखनूर तहसील में जब पहले चरण के तहत मतदान हुआ, तो सालों से बेबसी का शिकार ये लोग भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने मतदान केंद्र पहुंचे। सालों से जम्मू कश्मीर की नागरिकता के लिए संघर्ष करने वाले बुजुर्ग जब वोट डालने पहुंचे तो उनकी आंखें छलक आईं। उनके चेहरों पर ऐसी खुशी थी जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता था।
 
पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान हुआ। मतदान दोपहर 2 बजे शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो गया। डीडीसी चुनाव आठ चरणों में होंगे। 19 दिसंबर को आखिरी चरण होगा। 22 दिसंबर को मतगएणना होगी। 43 सीटों पर हुए मतदान में जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाके हों या कश्मीर के बर्फीले इलाके हर तरफ मतदान डालने वालों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली।
 
कश्मीर घाटी के आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में ही नहीं एलओसी से सटे इलाके जहां आए दिन पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी होती रहती हैं, वहां भी लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्साहित नजर आए। मतदान केंद्रों व आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सुबह 11 बजे तक जम्मू कश्मीर में 22 प्रतिशत मतदान हो चुका था।
 
राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने कहा कि कोविड-19 दिशा-निर्देशों के तहत वोटिंग कराई गई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। पहले चरण में 1,475 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है। पहले चरण में 296 प्रत्याशी डीडीसी चुनाव में अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें से 172 प्रत्याशी कश्मीर घाटी के है जबकि 124 उम्मीदवार जम्मू क्षेत्र में खड़े हैं। पंचायत उपचुनाव में 899 प्रत्याशी पंच के लिए लड़ रहे हैं जबकि 280 प्रत्याशी सरपंच का चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान के लिए 2,644 मदतान केंद्र बनाए गए हैं और पहले चरण में 7,03,620 मतदाता पंजीकृत हैं।
 
जम्मू के बाहरी इलाके के अखनूर प्रखंड के कोट घारी में एक मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़ी पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थी समुदाय की युवती ने कहा हमने समानता, न्याय एवं आजादी जैसे शब्द सुने हैं और आज हम इन शब्दों के असली मायने महसूस कर रहे हैं। उसने विशेष दर्जा हटाने के केन्द्र के फैसले के लिए उसे धन्यवाद दिया और कहा कि उसके समुदाय के लोग 70 साल के बाद स्थानीय चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
 
अन्य मतदाता कृष्ण पाल ने कहा कि वह अतीत को नहीं याद करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें उज्ज्वल भविष्य की आस है जिसमें उनके पोते-पोतियां, नाती-नातिनें बाहर जाए बिना नौकरियां पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सशक्त हो गए। पहले कोई भी वोट मांगने के लिए हमारे यहां नहीं आया करता था। आज हर उम्मीदवार तीन बार दरवाजे पर आया।
 
नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआई (एम) सहित पार्टियों ने गुपकार घोषणा के लिए पीपुल्स एलायंस का गठन किया और पहली बार डीडीसी चुनाव लड़ रहे हैं। राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस भी मैदान में हैं। सही मायनों में यह चुनाव इस बार भाजपा और पीपुल्स अलायंस के बीच ही है। प्रशासनिक स्तर पर मतदान सफल बनाने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।

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