नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर से चलने वाली हवाओं की वजह से बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, तटीय कर्नाटक, कोंकण गोवा, झारखंड, ओडिशा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, सौराष्ट्र, कच्छ, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कहीं हल्की तो कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली और मुंबई में बारिश का दौर थमता नजर आया।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश के बाद कुछ हिस्सों के लिए भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। मुंबई में बुधवार को बारिश का दौर थमता नजर आया। दिल्ली एनसीआर के इलाकों में आने वाले दो दिन में बारिश होने की संभावना है। बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, तटीय कर्नाटक, कोंकण गोवा के कुछ हिस्सों, झारखंड और ओडिशा और उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल, सौराष्ट्र और कच्छ, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान है। गिलगित बाल्टिस्तान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में मानसून के धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। इसका असर कच्छ की खाड़ी और उससे लगते गुजरात पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। लिहाजा अगले चार-पांच दिनों के दौरान गुजरात में जगह-जगह बारिश होती रहेगी।
असम में बाढ़ की स्थिति में बुधवार को और सुधार हुआ। एक जिले में जल स्तर में कमी आई है, हालांकि बाढ़ के कारण एक और व्यक्ति की जान चली गई। राज्य के 12 जिलों में अभी भी 1.7 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 348 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं और 26,910.99 हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है। इसके अलावा गोलपाड़ा, बारपेटा, मजूली और लखीमपुर जिलों में सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है।