नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति धीमी रहने की संभावना है क्योंकि बड़े स्तर पर मौसम की परिस्थितियां इसके बढ़ने के अनुकूल नहीं हैं।
उसने कहा कि संख्यात्मक प्रारूप के अनुसार वायु की चाल पूर्वानुमान अवधि के दौरान क्षेत्र में लगातार बारिश के लिए किसी भी अनुकूल स्थिति का संकेत नहीं देती है। आईएमडी ने गुरुवार को कहा था,पश्चिमी हवाओं का असर मानसून पर 23 जून तक बना रह सकता है और इसलिए राजस्थान, पंजाब के शेष हिस्से, हरियाणा और दिल्ली में इस दौरान मानसून नहीं पहुंचने के आसार हैं।
मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि कम दबाव के क्षेत्र के चलते अगले 24 घंटे के दौरान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान, इन क्षेत्रों में मध्यम से तेज आंधी चलने के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। विभाग ने कहा कि सोमवार को उत्तराखंड में भी कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि एक जून से अब तक प्रदेश में सामान्य से 94 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मानसून की शुरुआत के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में काफी बारिश हुई है। मिश्रा ने बताया कि पूर्वी मध्यप्रदेश के सभी 20 जिलों में अब तक सामान्य से अधिक बारिश हुई है जबकि पश्चिम मध्यप्रदेश के कुल 31 जिलों में से 10 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।
उन्होंने कहा कि इस महीने पूर्वी मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में सामान्य से 441 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है जबकि होशंगाबाद जिले में सामान्य से 211 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं पश्चिम मध्यप्रदेश के धार जिले में सामान्य से 69 प्रतिशत बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक चले बारिश के दौर से किसानों को बुवाई में मदद मिली है।(भाषा)