क्या है सायबर कमांडो विंग, क्यों पीएम मोदी की पहल पर हो रहा है देशभर में इसका गठन?
मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (13:21 IST)
Cyber wing : देश में सायबर क्राइम, फ्रॉड और ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजैंस आने के बाद सायबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। आए दिन लोग कई तरह के फ्रॉड का शिकार होते हैं। अब गृह मंत्रालय ने देशभर में पसरे सायबर क्राइम के इस नेटवर्क से निपटने के लिए कदम उठाया है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश को साइबर विंग की स्थापना के लिए पत्र लिखा। इस पहल के तहत सायबर कमांडो की एक विंग स्थापित की जाएगी।
दरअसल, सायबर कमांडो विंग का यह विचार इस साल की शुरुआत में आया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजीपी/आईजी सम्मेलन में भाग लिया था और सायबर क्राइम को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद उन्होंने इसकी स्थापना की सिफारिश की थी।
आइए जानते हैं, क्या है सायबर कमांडो विंग या सायबर सेना और यह कैसे काम करेगी।
केंद्र सरकार ने साइबर कमांडो की एक विंग स्थापित करने का फैसला किया है। इस विंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों से जवानों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए पत्र लिखकर गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी पुलिस बलों से 10 उपयुक्त सायबर कमांडो की पहचान करने के लिए कहा है। यह विंग भारत में सायबर खतरों से निपटने के लिए काम करेगा।
इसके MHA पत्र में कहा गया है कि विशेष नई विंग सायबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करेगी। इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी की रक्षा करेगी और साइबर स्पेस में जांच करेगी।
साइबर कमांडों को स्पेशल ट्रेनिंग : गृह मंत्रालय के राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि साइबर कमांडो को आईटी सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में उनके मौजूदा ज्ञान और योग्यता के आधार पर सभी रैंक के सेवारत कर्मियों में से चुना जाएगा। इसके साथ ही उन्हें एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना होगा। इस अभियान में चुने गए कमांडो को प्रशिक्षण दिया जाएगा और सायबर खतरों से निपटने और उनका मुकाबला करने वाले संसाधनों से लैस किया जाएगा। इतना ही नहीं, यह विंग देश के सायबर बुनियादी ढांचे के लिए भी जिम्मेदार होगा। इसके लिए सायबर विंग के जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।
पीएम मोदी की सिफारिश के बाद राज्यों को लिखा पत्र : गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए पत्र में कहा गया है, “जनवरी, 2023 के महीने में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री ने सिफारिश की थी कि साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने, सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क की रक्षा करने, जांच करने के लिए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित सायबर कमांडो की एक विशेष विंग शुरू की जाना चाहिए। जिसका मकसद सायबर स्पेस और पुलिस और सरकारी संगठनों की सायबर की मदद से होने वाले क्राइम से लोगों की सुरक्षा करना होगा।
आईटी- डिजिटल फॉरेंसिंक के जानकार होंगे विंग के कमांडों : बता दें कि सायबर कमांडो विंग पुलिस संगठनों का अभिन्न अंग होगा। इसमें ऐसे कमांडो होंगे जो आईटी सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। इसका संचालन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों और सीएपीएफ से लिए गए उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित और सुसज्जित सेवारत पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
Edited By Navin Rangiyal