क्या है नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना, 4 साल में किस तरह जुटाएगी 6 लाख करोड़...

मंगलवार, 24 अगस्त 2021 (11:03 IST)
मुख्य बिंदु
 
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन-NMP) की घोषणा की। आइए जानते हैं कि क्या है मोदी सरकार की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना? सरकार कैसे इस योजना से जुटाएगी 6 लाख करोड़?
 
क्या है नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना : मोदी सरकार ने 43 लाख करोड़ की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना बनाकर इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास करने का प्लान बनाया है। इस योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रीकरण किया जाएगा। इनमें निजी सेक्टर की कंपनियों को शामिल कर संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा। इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा।
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क्यों बनाई यह योजना : सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास करने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत यह योजना बनाई है। कोरोना काल में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इतना कर्ज जुटाना आसान नहीं है। ऐसे में सरकार ने पुरानी संपत्ति मोनेटाइज कर राशि जुटाने का फैसला किया है।
 
कैसे होगा मॉनेटाइजेशन : सरकार को रेलवे, एयरपोर्ट, सड़क, वेयरहाउस, होटल्स सभी को मोनेटाइज करने के लिए अलग अलग प्लान बनाना होगा। सड़कों को इनविट, वेअरहाउस को रीट और होटल्स को लीज पर दिया जा सकता है।
 
कौन कर सकता है निवेश : योजना के तहत, निजी कंपनियां इन्विट मार्ग का इस्तेमाल करके एक निश्चित मुनाफे के लिए परियोजनाओं में निवेश कर सकती हैं। इसके अलावा इन परिसंपत्तियों को सरकारी एजेंसी को वापस करने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए परिसंपत्तियों का संचालन और विकास कर सकती हैं। इसके तहत गोदाम और स्टेडियम जैसी कुछ संपत्तियां भी संचालन के लिए लंबी अवधि के पट्टे पर दी जा सकती हैं।
 
किससे कितना पैसा मिलने का अनुमान : इसके तहत 1.6 लाख करोड़ रुपए का सबसे बड़ा हिस्सा चालू राष्ट्रीय राजमार्गों और नई सड़कों के 26,700 किलोमीटर के मौद्रिकरण से आएगा। इनमें से कुछ संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्विट का रास्ता अपनाएगा। यानी इनविट के जरिये इन राजमार्गों के लिए संसाधन जुटाये जायेंगे।
 
अनुमानित 1.2 लाख करोड़ रुपए के मौद्रिकरण परियोजना में 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री ट्रेनों, 741 किलोमीटर लंबे कोंकण रेलवे और 15 रेलवे स्टेडियमों और कॉलोनियों का मौद्रिकरण करने की योजना है। निजी भागीदारी के जरिए इनका विकास किया जाएगा।
 
बिजली के 28,608 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों के मौद्रीकरण से 45,200 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है और अन्य 39,832 करोड़ रुपए छह गीगावाट की विद्युत उत्पादन संपत्तियों से आएंगे। दूरसंचार क्षेत्र में भारतनेट फाइबर के 2.86 लाख किलोमीटर और बीएसएनएल एवं एमटीएनएल के 14,917 सिग्नल टावरों के मौद्रिकरण से 35,100 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसी प्रकार गोदामों और कोयला खदानों में मौद्रीकरण से 29 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा।
 
वहीं 8,154 किलोमीटर लंबे प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के मौद्रीकरण से 24,462 करोड़ रुपए और 3,930 किलोमीटर उत्पाद पाइपलाइनों के मौद्रीकरण से 22,504 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। हवाई अड्डों के मौद्रीकरण से 20,782 करोड़ रुपए और बंदरगाहों से 12,828 करोड़ रुपए मिलेंगे।

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