बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त, दोषी हो तब भी प्रॉपर्टी नहीं गिराई जा सकती

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 2 सितम्बर 2024 (14:57 IST)
what Supreme Court said on Bulldozer action : देश के कई राज्‍यों में की जा रही बुल्‍डोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इसके साथ ही न्‍यायालय ने इसे लेकर सख्‍त टिप्‍पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा— अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। बता दें कि यूपी में योगी सरकार से शुरू हुए बुल्‍डोजर कार्रवाई को कई दूसरे स्‍टेट फॉलो कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें आरोप लगाया गया है कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। अब इस केस की सुनवाई 17 सितंबर को होगी। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं। जानते हैं क्‍या है सवाल और क्‍या कहा केंद्र ने।

बुल्‍डोजर एक्‍शन के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां स्पष्ट कर देना चाह रहे हैं कि हम अवैध अतिक्रमण के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। इस मामले से जुड़ी पार्टियां हमें सुझाव दें। इसके बाद हम पूरे देश के लिए बुलडोजर एक्शन पर गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा— किसी पिता का बेटा उद्दंड हो सकता है, लेकिन इस आधार पर घर गिरा देना! यह कार्रवाई का सही तरीका नहीं है।

क्‍या कहा गया केंद्र सरकार की तरफ से : सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा- किसी भी आरोपी की प्रॉपर्टी इसलिए नहीं गिराई गई कि उसने अपराध किया है। आरोपी के अवैध कब्जों पर म्युनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। जमीयत के वकील फारूक रशीद का कहना है कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने और उन्हें डराने के लिए राज्य सरकारें घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा दे रही हैं। याचिका में यह भी आरोप है कि सरकारों ने पीड़ितों को अपना बचाव करने का मौका ही नहीं दिया। बल्कि कानूनी प्रक्रिया का इंतजार किए बिना पीड़ितों को तुरंत सजा के तौर पर घरों पर बुलडोजर चला दिया।
Edited by Navin Rangiyal

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