कलाम की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों पर आधारित एक नई पुस्तक 'कलाम : द अनटोल्ड स्टोरी' में यह जानकारी सामने आई है। यह पुस्तक कलाम के निजी सचिव रहे आरके प्रसाद ने लिखी है। उन्होंने अपनी इस पुस्तक में दावा किया है कि इस दौरे को लेकर कलाम की पशोपेश की स्थिति ने 'आरएसएस नेतृत्व को नाराज' कर दिया था क्योंकि संघ ने इसकी पूरी तैयारी की थी। उसके द्वारा कलाम की इस प्रस्तावित यात्रा का प्रचार भी किया गया था।
कलाम ने अंततः निर्धारित तिथि के एक महीने बाद आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और एक प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया जिस पर उन्होंने शुरू में सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, इस अवसर पर आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों में से कोई भी मौजूद नहीं था।
आरके प्रसाद ने पुस्तक में लिखा, 'मई 2014 में, हमारे कार्यालय को आरएसएस के महासचिव राम माधव से एक निमंत्रण मिला। वे चाहते थे कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में एक प्रशिक्षण शिविर में युवा आरएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करें।' प्रसाद वर्ष 1995 से लेकर 2015 तक कलाम के निजी सचिव रहे थे।
प्रसाद ने पुस्तक में लिखा कि यह शिविर 12 जून को समाप्त होना था और वे चाहते थे कि कलाम उनके लिए सुविधाजनक तिथि पर उससे पहले आरएसएस मुख्यालय का दौरा करें। राम माधव बाद में कलाम से मिले, और यह निर्णय लिया गया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रशिक्षण शिविर के दिन आरएसएस मुख्यालय में कार्यक्रम में भाग लेंगे। हालांकि, अपने कुछ दोस्तों से मिली जानकारियों और सलाह के परिणामस्वरूप, कलाम ने अपना विचार बदल दिया।