किन 4 कफ सिरप पर WHO ने किया अलर्ट, क्या गाम्बिया में हुई 66 बच्चों की मौत से भारत का कोई कनेक्शन है?
गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022 (12:50 IST)
पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में खांसी के अलग-अलग सिरप की वजह से 66 बच्चों की मौत हो गई। इस घटना से पूरी दुनिया में दहशत और हड़कंप है। WHO ने अलर्ट किया है कि गाम्बिया में बच्चों की मौत का कनेक्शन भारत में बनी खांसी की 4 दवाओं से हो सकता है।
इस घटना के बाद अब WHO ने अलर्ट किया है कि भारत में बनने वाली चार दवाओं का फिलहाल इस्तेमाल न किया जाए। ऐसे में अब दवा कंपनियों और इन ड्रग्स के कंटेंट पर भी सवाल उठ रहे हैं। गाम्बिया में इस घटना के बाद सामने आई जांच में पता चला है कि इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। जानना जरूरी है कि वो कौनसे चार कफ सिरप हैं, जिसके इस्तेमाल के लिए फिलहाल WHO ने चेतावनी जारी की है।
क्या है WHO का अलर्ट?
पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई। इन मौतों की वजह खांसी की दवा यानी Cough Syrup बताई जा रही है। जिसके बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने चेताया है कि बच्चों की मौत का लिंक भारत में बनी चार खांसी की दवाओं से हो सकता है। इतना ही नहीं, डब्लूएचओ ने भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए बुखार, सर्दी और खांसी के चार सिरप को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने चेतावनी जारी की है कि खांसी की इन दवाओं का फिलहाल इस्तेमाल न किया जाए। ये चार सिरप हैं।
कौन से हैं वे 4 सिरप?
जिन चार सिरप को लेकर WHO ने अलर्ट जारी किया है उनमें प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup)। बताया जा रहा है। यह सभी सिरप हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) द्वारा बनाए गए हैं।
जांच में सामने आई ये बात
WHO ने अपने अलर्ट में कहा है कि इन चारों सिरप की लैब में जांच हो चुकी है। जांच में सामने आया है कि इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल (diethylene glycol) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) का कंटेंट ज्यादा है। डब्लूएचओ ने कहा कि इन उत्पादों के सभी बैचों को तब तक 'असुरक्षित माना जाना चाहिए' जब तक कि उनका संबंधित राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा विश्लेषण नहीं किया जाता है। Edited: By Navin Rangiyal