जेट एयरवेज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपए का तत्काल लोन नहीं मिलने के बाद जेट एयरवेज ने अस्थायी तौर पर ऑपरेशन बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कर्जदाताओं और अन्य किसी भी तरीके से एमरजेंसी फंड नहीं मिला है, ऐसे में कंपनी को चलाने कि लिए आवश्यक नकदी खत्म हो गई है। कंपनी ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पा रही है। इस वजह से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के लिए मजबूर हैं।
क्या होगा आगे : बैंक से जुड़े लोगों के अनुसार अब जेट को बचाने के लिए कुछ ही विकल्प हैं। जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने बयान जारी कर कहा, विचार-विमर्श के बाद हमने फैसला किया है कि जेट एयरवेज के अस्तित्व के लिए सबसे अच्छा तरीका संभावित निवेशकों से बोलियां प्राप्त करना है, 16 अप्रैल को बोली दस्तावेज जारी किए गए हैं।
इसके अलावा जिन ग्राहकों ने जेट एयरवेज के विमान का टिकट कराया है, उन्हें एयरलाइन की ओर से जल्द ही रिफंड किया जाएगा। लेकिन कब तक इस पर जेट और डीजीसीए कोई सटीक जवाब नहीं दे पा रही है। राहत वाली बात यह है कि इस माहौल में जेट के लिए बोली लगाने वालों में एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष (एनआईआईएफ), निजी क्षेत्र के टीपीजी और इंडिगो पार्टनर सामने आए हैं।