सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष बनने से क्रिकेट को कई फायदे होना तय है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर तीखे तेवरों वाले दादा सिर्फ 10 महीने के लिए इस जिम्मेदारी के लिए क्यों तैयार हो गए?
सवाल इसलिए भी लाजमी है कि बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली को कमेंट्री और मीडिया कॉन्ट्रैक्ट से मिलने वाले करीब 7 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि यदि वे बीसीसीआई अध्यक्ष बनें तो न सिर्फ कामेंट्री, अन्य विज्ञापन डील भी उनके हाथ से निकल जाएंगे और यहां तक कि वे टीम इंडिया के कोच भी नहीं बन पाएंगे, जो उनकी दिली इच्छा रही है।
कोलकाता के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के लिए इसलिए तैयार हुए हैं, क्योंकि आने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सकते हैं। इस अनुमान का एक बड़ा कारण यह भी है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा का भी साथ मिला।
यह भी सर्वविदित है कि सौरव गांगुली ने शनिवार रात को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर और हेमंत बिस्वा शर्मा से मुलाकात की है। इसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि वे अगले बीसीसीआई अध्यक्ष हो सकते हैं।